वैक्सीन लगने के बाद बुखार क्यों आता है।


 

रोना से बचाव के लिए टीका लगवाने के बाद बुखार, सिर दर्द और थकान जैसे कुछ अस्थायी लक्षण दिखाई देते हैं। अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग परेशानी दिखी है। कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें कोई दिक्कत नहीं होती है। ऐसे में अक्सर मन में सवाल आता है कि वैक्सीन के बाद इन लक्षणों के दिखने का मतलब क्या है? इसका वैक्सीन के असर से कुछ लेना-देना है या नहीं? इस तरह के अस्थायी साइड इफेक्ट दिखने और नहीं दिखने को लेकर कई तरह के भ्रम लोगों के बीच फैले हैं। ऐसे भ्रम से बचना और निश्चिंत होकर टीका लगवाना चाहिए।


इसलिए दिखते हैं साइड इफेक्ट

हमारा इम्यून सिस्टम दो भाग में काम करता है। पहले भाग में शरीर में कोई भी बाहरी वायरस या बैक्टीरिया आते ही इम्यून सिस्टम सक्रिय हो जाता है। टीका लगाने के तुरंत बाद यही होता है। व्हाइट ब्लड सेल उस जगह की ओर दौड़ लगा देते हैं। इससे शरीर में इन्फ्लेमेशन होता है, जो बुखार, थकान या अन्य लक्षण दिखाता है। उम्र के साथ इम्यून सिस्टम की इस सक्रियता में बदलाव आता है। यही कारण है कि बड़ी उम्र के लोगों की तुलना में युवाओं में ऐसे लक्षण ज्यादा दिखते हैं।

लक्षण नहीं दिखा तो क्या वैक्सीन बेअसर है?

कई लोगों के मन में यह सवाल है कि अगर पहली या दूसरी किसी भी डोज के बाद उन्हें थकान, बुखार जैसी कोई परेशानी नहीं हुई, तो क्या उनके इम्यून सिस्टम ने वैक्सीन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी? ऐसे में क्या वैक्सीन से उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ? यह सोच गलत है। कोई दिक्कत न होने का यह अर्थ कतई नहीं है कि वैक्सीन बेअसर हो गई। वैक्सीन लगने के बाद वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाना इम्यून सिस्टम के काम का दूसरा भाग है। कोई अस्थायी साइड इफेक्ट हो या न हो, इम्यून सिस्टम एंटीबॉडी बनाने का काम बखूबी करता है।


ब्लड क्लॉटिंग कितनी चिंताजनक बात?

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रोजेनेका की कोविशील्ड की डोज के बाद कुछ लोगों में ब्लड क्लॉटिंग यानी खून का थक्का जमने की शिकायत देखी गई है। जानकारों का कहना है कि यह क्लॉटिंग ऐसी नहीं, जिससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा हो। दूसरी बात, क्लॉटिंग का मामला अपेक्षाकृत बहुत कम लोगों में दिखा है। आबादी में इतने लोगों को सामान्य तौर पर भी क्लॉटिंग होती है। यही कारण है कि कई देशों में नियामकों ने कहा कि टीके से होने वाला फायदा इनके साइड इफेक्ट की तुलना में नगण्य है। जॉनसन एंड जॉनसन के टीके के मामले में भी क्लॉटिंग की शिकायत आई है।


लक्षण गंभीर हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें

विशेषज्ञों का कहना है कि बहुत थोड़े लोगों में वैक्सीन के बाद साइड इफेक्ट गंभीर होने का खतरा रहता है। इसीलिए टीकाकरण के बाद कुछ देर लोगों को रुकने की सलाह दी जाती है, जिससे साइड इफेक्ट का तत्काल पता लग जाता है। बाद में भी कोई लक्षण गंभीर हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। तत्काल इलाज मिलने से इनसे आसानी से निपटा जा सकता है।